वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण फरवरी में 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश करने जा रही हैं। इस बार का बजट कई क्षेत्रों के लिए अहम साबित हो सकता है, खासकर इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए। भारत में ईवी उद्योग तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, और सरकार की वित्तीय नीतियां एवं प्रोत्साहन इस बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि बजट 2025 से इस उद्योग को एक नया प्रोत्साहन मिलेगा।
ईवी उद्योग की संभावनाएं और चुनौतियां
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, 2030 तक भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार 20 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है और इस क्षेत्र में लगभग 5 करोड़ नौकरियां सृजित हो सकती हैं। हालांकि, इस तेज़ी से बढ़ते उद्योग को अभी भी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और उच्च लागत जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
FAME योजना और PM-E ड्राइव योजना
वर्ष 2015 से शुरू हुई फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) योजना भारत की ईवी नीति की आधारशिला रही है। FAME-II, जिसे मई 2024 तक बढ़ाया गया था। इसने ने 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन करके उद्योग को बड़ा सपोर्ट दिया।हालांकि, FAME-III की उम्मीदों के विपरीत, बजट 2024 में सरकार ने PM-E ड्राइव योजना की घोषणा की। यह योजना अक्टूबर 2024 में लागू हुई और इसका उद्देश्य ईवी उद्योग की सब्सिडी पर निर्भरता को कम करना है।विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार अब सब्सिडी के बजाय परफॉर्मेंस-लिंक्ड इंसेंटिव्स (PLI) पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। यह बैटरी और ईवी के पुर्जों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अहम हो सकता है।
जीएसटी में कटौती की मांग
ईवी उद्योग लंबे समय से ईवी बैटरियों पर जीएसटी में कमी की मांग कर रहा है। उद्योग चाहता है कि इन्हें अन्य ऑटोमोटिव पुर्जों की तरह ही टैक्स दर में लाया जाए। इससे ईवी उत्पादन की कुल लागत कम होगी और उपभोक्ताओं के लिए इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते हो जाएंगे।
बजट 2025 से अपेक्षाएं
आने वाले बजट में निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
• चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन।
• बैटरी तकनीक में अनुसंधान और विकास का समर्थन।
• ईवी घटकों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजनाएं।
• PM-E ड्राइव योजना में संशोधन या विस्तार।
भारत सरकार के हरित विकास और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के संकल्प को देखते हुए, बजट 2025-26 से ईवी उद्योग को बड़ा प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।